साथ चले जब मौसम राही कभी बदल गए मौसम यही फिर याद रहे बसन्त हमारे ।। साथ चले जब मौसम राही कभी बदल गए मौसम यही फिर याद रहे बसन्त हमारे ।।
एक वायरस ने आकर , बना दी कितनी दूरी , दो प्रेमियों के बीच। एक वायरस ने आकर , बना दी कितनी दूरी , दो प्रेमियों के बीच।
एक कविता लिखी है मैंने, जिसमे तेरे होने की बात की है। एक कविता लिखी है मैंने, जिसमे तेरे होने की बात की है।
सदा बहारें बिखरने की बात हम जान गए हैं महकना इन सारे फूलों सें से हम जान गए हैं, सदा बहारें बिखरने की बात हम जान गए हैं महकना इन सारे फूलों सें से हम जान गए ...
बंटते-बंटते हम कितना बंट गए इंसानियत की राह में बिल्कुल सिमट गए। बंटते-बंटते हम कितना बंट गए इंसानियत की राह में बिल्कुल सिमट गए।
इतना सा आधार है बदलाव का हमसे, देश के बदलाव तक। इतना सा आधार है बदलाव का हमसे, देश के बदलाव तक।